
CM gave instructions regarding vigilance मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, आई.टी पार्क देहरादून पहुंचकर जनपद चमोली के माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक कर हिमस्खलन के बाद रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने हिमस्खलन की स्थिति के बारे में भी पूरी जानकारी ली। CM gave instructions regarding vigilance
CM gave instructions regarding vigilance मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अति शीघ्र घटनास्थल में पहुंचने के निर्देश देते हुए कहा कि घटनास्थल के सबसे समीप स्थित हेलीपैड को अति शीघ्र खोल जाए। जिससे रेस्क्यू अभियान में तेजी लाई जा सके। मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर ड्रोन के माध्यम से नजर रखे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा रेस्क्यू अभियान में हेलीकॉप्टर की भी मदद लेकर रेस्क्यू में तेजी लाई जाए। उन्होंने सभी घायलों को एयर एंबुलेंस के माध्यम से जरूरत पड़ने पर एम्स ऋषिकेश लाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने जिला प्रशासन से निरंतर समन्वय संपर्क कर उन्हें हर संभव मदद करने के भी निर्देश दिए। CM gave instructions regarding vigilance
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि जनपद चमोली में हिमस्खलन के बाद लगातार राहत बचाव का कार्य जारी है। आईटीबीपी, सेना, जिला प्रशासन, वायु सेना, सभी लोग बचाव कार्य में लगे हुए हैं। सभी से निरंतर वार्ता जारी है। विजिबिलिटी ना होने के कारण वर्तमान में हेलीकॉप्टर का जाना संभव नहीं है। इस संबंध में स्नो एक्सपर्ट की सेवाएं ली जा रही हैं। आईटीबीपी के लोग घटना स्थल में विशेष रूप से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा हमारी पहली प्राथमिकता श्रमिकों को सुरक्षित निकलना है। सभी लोग अलग अलग स्थानों से हैं, जिसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार, केंद्र सरकार से निरंतर संपर्क में है। प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, से भी लगातार संपर्क किया जा रहा है। उन्होंने कहा रेस्क्यू अभियान में किसी भी एजेंसी की आवश्कता होने पर उनकी मदद ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि 10 लोगों को आईटीबीपी अस्पताल पहुंचाया गया है। बर्फबारी जारी है, कई जगहों पर मार्ग अवरुद्ध हो रहा है। कल मौसम खुलने की संभावना है, जिससे रेस्क्यू अभियान में भी तेजी आएगी। सभी रेस्क्यू दल आपस में समन्वय के साथ कार्य कर रहें हैं। उन्होंने कहा माणा हेलीपैड को भी एक्टिव किया जा रहा है। इसके साथ ही एम्स ऋषिकेश, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल गोपेश्वर में भी सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं।
मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी से घटना की पूरी जानकारी ली। जिलाधिकारी ने बताया कि माणा गांव और माणा पास के मध्य सीमा सड़क संगठन के समीप हिमस्खलन की सूचना मिली थी। यहां सेना की आवाजाही के लिए सड़क मार्ग से बर्फ हटाने वाले मजदूरों के घटना स्थल के समीप होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद सेना के साथ ही आईटीबीपी, एनडीआरफ, एसडीआरफ की रेस्क्यू टीम को मौके के लिए रवाना कर दिया गया है। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगौली, श्री विनोद कुमार सुमन, श्री विनय शंकर पांडे, एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री रात 8 बजे फिर पहुंचे आपदा कंट्रोल रूम
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रात 8 बजे दोबारा आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर हालात का जायजा लिया। वे लगातार रेस्क्यू कार्यों पर नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों के साथ नियमित स्थिती की समीक्षा कर रहे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर प्रभावित व्यक्ति की सुरक्षा और सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सभी एजेंसियां युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हुई हैं, और जल्द ही सभी फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी से ली पूरी जानकारी
मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से चमोली के जिलाधिकारी श्री संदीप तिवारी से घटना की विस्तृत जानकारी ली। जिलाधिकारी ने बताया कि हिमस्खलन बद्रीनाथ धाम से 6 किमी आगे हुआ, जहां सीमा सड़क संगठन के अंतर्गत बर्फ हटाने वाले मजदूर मौजूद थे। तुरंत आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में जुट गईं। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, अब तक 32 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि शेष लोगों को बचाने का अभियान जारी है।
आपदा के दृष्टिगत रिस्पॉन्स टाईम को कम से कम रखे जाने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने वर्तमान में प्रदेश मे हो रही भारी वर्षा एवं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हो रहे हिमपात के दृष्टिगत भी निरन्तर सभी जिलाधिकारियों से समन्वय बनाए रखे जाने के भी निर्देश दिए ताकि किसी भी आपदा की स्थिति का त्वरित ढ़ंग से सामना किया जा सके। किसी भी आपदा के दृष्टिगत रिस्पॉन्स टाईम को कम से कम रखे जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए हैं।
राज्य और केंद्र सरकार में समन्वय
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार लगातार केंद्र सरकार से संपर्क में है और प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री एवं रक्षा मंत्री से भी बातचीत हो रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि रेस्क्यू अभियान में यदि किसी अतिरिक्त एजेंसी की आवश्यकता होगी, तो उनकी मदद तुरंत ली जाएगी। अब तक 32 लोगों को आईटीबीपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लगातार बर्फबारी के कारण मार्ग अवरुद्ध हो रहे हैं, लेकिन मौसम में सुधार के साथ रेस्क्यू कार्य और तेज किया जाएगा। सभी राहत दलों के बीच समन्वय सुनिश्चित किया गया है, और माणा हेलीपैड को भी सक्रिय किया जा रहा है। एम्स ऋषिकेश, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और गोपेश्वर जिला अस्पताल को भी तैयार रखा गया है।
आपदा के दृष्टिगत रिस्पॉन्स टाईम को कम से कम रखे जाने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने वर्तमान में प्रदेश मे हो रही भारी वर्षा एवं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हो रहे हिमपात के दृष्टिगत भी निरन्तर सभी जिलाधिकारियों से समन्वय बनाए रखे जाने के भी निर्देश दिए ताकि किसी भी आपदा की स्थिति का त्वरित ढ़ंग से सामना किया जा सके। किसी भी आपदा के दृष्टिगत रिस्पॉन्स टाईम को कम से कम रखे जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए हैं।
33 लोगों को निकाला गया सुरक्षित।
अब तक 32 लोगों को निकाला जा चुका है एवं अन्य लोगों को खोजबीन जारी है। जिसमें से 4 लोगों को आईटीबीपी सेना अस्पताल में रखा गया है। बी.आर.ओ स्नो कटर एवं अन्य मशीनों के माध्यम से निरंतर बर्फ हटाने का कार्य कर रही है। कल सुबह एम आई 17 हेलीकॉप्टर भी माणा क्षेत्र को रवाना होंगे।
जोशीमठ में भी की जाए आपदा कंट्रोल रूम की स्थापना।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सर्च ऑपरेशन तेजी से चलाए जाए। उन्होंने कहा जोशीमठ में भी आपदा कंट्रोल रूम की स्थापना की जाए। उन्होंने कहा एनडीआरएफ, एस.डी.आर.एफ ,आईटीबीपी सेना आपसी सहयोग से बर्फ हटाने का कार्य तेजी से करें। जिन श्रमिकों को निकाला गया है उनका विशेष ख्याल रखा जाए। उन्होंने माणा स्थित हेलीपैड को प्राथमिकता से खोले जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जोशीमठ स्थित आर्मी अस्पताल, जिला अस्पताल, एम्स ऋषिकेश तक सभी अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था करने के भी निदेश दिए। उन्होंने कहा एम-आई 17 की मदद से घायलों को लिफ्ट करने की भी पूरी तैयारी की जाए।