ग्राम पंचायत टिहरी भागीरथी नगर बना उदाहरण:
ग्राम पंचायत टिहरी भागीरथी नगर, विकासखण्ड बहादराबाद में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत व्यक्तिगत लाभार्थी के रूप में धीरज सिंह की भूमि पर नाडेप पिट का निर्माण किया गया। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को जैविक खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करना और रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता को कम करना हैं।
जैविक खेती से किसानो के खेतो में हुई बेहतर पैदावार:
ग्राम पंचायत की खुली बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जैविक खाद के उत्पादन के लिए नाडेप पिट का निर्माण किया जाए। यह कार्य किसानों के लिए फायदेमंद साबित हुआ है, क्योंकि इससे न केवल जैविक खाद की उपलब्धता सुनिश्चित हुई बल्कि किसानों को उनके खेतों में बेहतर पैदावार प्राप्त करने में भी मदद मिली।
प्रमुख चुनौतियो का सामना करना पड़ा:
इस परियोजना के दौरान कुछ प्रमुख चुनौतियाँ सामने आईं, जैसे सीमित बजट में गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य करना, स्थानीय श्रमिकों की समय पर उपलब्धता, और निर्माण सामग्री की आपूर्ति। हालांकि, ग्राम पंचायत द्वारा इन सभी समस्याओं का समाधान प्रभावी ढंग से किया गया और परियोजना समय पर पूरी हुई।
नाडेप पिट निर्माण कार्य से लाभार्थी को लाभ:
नाडेप पिट निर्माण कार्य से लाभार्थियों की रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम हुई, स्थानीय श्रमिकों को रोजगार प्राप्त हुआ, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। गाँव में सतत कृषि को बढ़ावा मिला और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार हुआ, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिला और खेती की लागत में कमी आई।
मुख्य विकास अधिकरी हरिद्वार द्वारा अवगत कराया गया कि इस परियोजना के सफल निष्पादन ने यह सिद्ध कर दिया कि मनरेगा के तहत ग्रामीण विकास और जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा सकता है। इसने किसानों को सशक्त बनाया और उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। ग्राम पंचायत टिहरी भागीरथी नगर के इस पहल को एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है, जो जनपद हरिद्वार के अन्य सभी ग्राम पंचायतो में भी ग्रामीण विकास और जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा।
ग्राम पंचायत टिहरी भागीरथी नगर में नाडेप पिट निर्माण कार्य के तहत जैविक खेती को बढ़ावा
