अल्मोड़ा। अल्मोड़ा जनपद अस्पताल हमेशा अव्यवस्थाओं को लेकर चर्चा में रहता है। मरीजों का इलाज करने वाले अस्पताल की हालत ख़राब है। अल्मोड़ा का जिला अस्पताल मरीजों को उचित चिकित्सा सुविधा मुहैया नहीं करा पाता तो वहीं चिकित्सक बाहर की दवाईयां लिखने से भी गुरेज नहीं करते। जनपद मुख्यालय के मुख्य बाजार में स्थित जिला अस्पताल में दूरदराज के गाँवों से मरीज इलाज कराने उम्मीद के साथ पहुँचते हैं। माल रोड से मरीज को अस्पताल के मुख्य तल पर ले जाने के लिए लगी लिफ्ट भी ख़राब है। मरीजों को सीढियां चढ़कर अस्पताल पहुंचना पड़ रहा है या तीमारदार स्ट्रेचर से सीढ़ियों के ज़रिये अस्पताल में ला रहे हैं। जिला अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों के बैठने के हिसाब से देखा जाय तो जगह भी पर्याप्त नहीं है।
इस स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल परिसर में खाली स्थान में बैठने के लिए व्यवस्था बनाई गई है और धूप में कुर्सियां लगाई गई हैं। मरीजों और तीमारदारों को खुले में धूप में इंतजार करना पड़ रहा है। विगत दो तीन माह से जिला अस्पताल परिसर में निर्माण कार्य चल रहे हैं। निर्माण कार्य के चलते मरीजों और तीमारदारों के लिए दिक्कतें हो रही हैं। निर्माण कार्य के ध्वनि प्रदूषण से उपचार को पहुंचे मरीज और भर्ती मरीज परेशान हैं। अस्पताल के परिसर में निर्माण कार्य की सामग्री परिसर में खुली पड़ी हुई है। परिसर में रेता-रोड़ी, सरिया और टिन, मिट्टी, पत्थर खुले में पड़े हुए हैं।
निर्माण कार्य के दौरान यहाँ परिसर में मरीजों के बैठने की जगह पर कॉलम के लिए बांधी गई सरिया भी पड़ी हुई हैं, जहाँ से मरीज मुख्य बाजार के रास्ते आते-जाते हैं। वहीं पर कंकड़ भी पड़े हुए हैं, जिनसे आते जाते समय रपटने से किसी के साथ भी दुर्घटना हो सकती है। कमाल की बात यह है कि इस पर ना ठेकेदार और ना ही अस्पताल प्रशासन की नजर जा रही है। सुरक्षा के बंदोबस्त नहीं होने के चलते खुले में पड़ी यह निर्माण सामग्री हादसे को निमंत्रण दे रही है। जिससे किसी भी प्रकार का छोटा-बड़ा हादसा घटित हो सकता है। अस्पताल में लोग इलाज कराने आते हैं लेकिन अस्पताल प्रशासन का ध्यान इस तरफ बिल्कुल नहीं है। जब कोई हादसा होगा क्या तभी अस्पताल प्रबंधन जागेगा और खतरे का सबब बन रहे निर्माण कार्य से हो रही असुविधाओं की ओर ध्यान देगा।
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