gorakhpur news सिंचाई विभाग अधीक्षण अभियंता दिनेश सिंह ने कहा कि राप्ती रिवर फ्रंट के निर्माण पर लगभग एक हजार करोड़ से अधिक की लागत आ सकती है। इसमें नगर विकास, जीडीए और सिंचाई विभाग को शामिल किया गया है। सिंचाई विभाग की तरफ से मुख्यमंत्री के सामने अपना प्रजेंटेशन दिया गया।
गोरखपुर शहर को एक और पिकनिक स्पाट देने के लिए बनने वाले राप्ती रिवर फ्रंट के निर्माण पर एक हजार करोड़ से अधिक की लागत आएगी। इसके निर्माण में तीन संस्थाएं सिंचाई विभाग, जीडीए और नगर निगम मिलकर कार्य करेंगी। नमामी गंगे और ग्रामीण पेयजल मिशन विभाग को कार्यदायी संस्था बनाया गया है। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने की जिम्मेदारी गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) को मिली है। जीडीए ने इसके लिए कंसल्टेंट नियुक्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
रविवार की रात मुख्यमंत्री के सामने तीनों संस्थाओं के अधिकारियों से जानकारी ली थी। डीपीआर को तीनों विभागों के अधिकारियों से परामर्श कर तैयार किया जाएगा। जीडीए की ओर से कंसल्टेंट नियुक्त करने के लिए 31 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन मांगा गया है। कंसल्टेंट नामित होने पर पर अगली प्रकिया शुरू की जाएगी। इस प्रोजेक्ट के तहत राप्ती नदी में शहर के नालों से होकर जाने वाला गंदा पानी रोका जाएगा। gorakhpur news
gorakhpur news इस योजना के तहत जगह-जगह घाट बनाए जाएंगे। पर्यटन की दृष्टि से पार्क विकसित किया जाएगा। नदी के किनारे मोटरबोट व यात्रियों के रुकने के लिए प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। रामघाट से लेकर डोमिनगढ़ तक सुंदरीकरण का काम होगा। इसके निर्माण होने के बाद गोरखपुर में पर्यटन की दृष्टि से एक बेहतर गंतव्य लोगों को मिल सकेगा। जीडीए की ओर से डीपीआर तैयार कर सिंचाई विभाग को सौंप दिया जाएगा। निर्माण कार्य सिंचाई विभाग की ओर से कराया जाएगा।
सिंचाई विभाग अधीक्षण अभियंता दिनेश सिंह ने कहा कि राप्ती रिवर फ्रंट के निर्माण पर लगभग एक हजार करोड़ से अधिक की लागत आ सकती है। इसमें नगर विकास, जीडीए और सिंचाई विभाग को शामिल किया गया है। सिंचाई विभाग की तरफ से मुख्यमंत्री के सामने अपना प्रजेंटेशन दिया गया। सीएम ने तीनों विभागों को संयुक्त रूप से डीपीआर बनाने को कहा गया है। gorakhpur news
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