Advertisement

छत्रपति शिवाजी महाराज कथा’’ का सातवां दिन

haridwar

भारत को विश्व गुरु की मान्यता तब मिलेगी जबदेश की सेना सबल और नागरिक धनवान होंगे: स्वामी गोविन्द देव गिरि

शिवाजी महाराज ने देश का पहला सर्जिकल स्ट्राइक किया: स्वामी गोविन्द देव

हरिद्वार, 15 अप्रैल। पतंजलि विश्वविद्यालय में आयोजित “छत्रपति शिवाजी महाराज कथा’’ के सातवें दिन पूज्य स्वामी गोविन्द देव गिरि जी महाराज ने कहा कि हमारा देश पहले से ही विश्व गुरु है, इसको विश्व गुरु बनाने की आवश्यकता नहीं है लेकिन भारत को विश्व गुरु की मान्यता तब मिलेगी जब इसकी सेना सबल और नागरिक धनवान होगे।


उन्होंने कहा कि संसार का कौन सा देश हमें क्या सिखाएगा, मानवता व अध्यात्म के लिए क्या ज्ञान व मार्गदर्शन देगा, विश्वगुरु तो यही भारत देश है। आज के समय में धन से काम होते नहीं हैं, लेकिन धन के बिना बड़े-बड़े काम रूक जाते हैं। इसको आधुनिक काल के महात्मा हमारे पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज और आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने स्वयं अनुभव किया और दान मांग-मांगकर मानव सेवा व देश के सृजन के कार्य किए। किंतु लोगों से कितना मांग सकते हैं, कौन कितनी सहायता कर सकता है, जब लक्ष्य बड़ा हो तो उसको पूर्ण करने के लिए उसी प्रकार के साधन आवश्यक होते हैं और साधन एकत्र करने के लिए धन की आवश्यकता होती है। तब पतंजलि ने देशसेवा के लिए उद्योग प्रारंभ किया।


कथा के दौरान उन्होंने शिवाजी महाराज के पराक्रम और वीरता को प्रणाम करते हुए कहा कि सभी लोगों को जो लगभग असम्भव सा लग रहा था, वो कार्य शिवाजी महाराज ने कर दिखाया। पूणे शहर में लाल किले के भीतर लाखों की सेनाओं से आवृत्त घेरे में शाहिस्तेखान था। 258 मावलों को साथ ले करके शिवाजी महाराज किले में कैसे घुसे और सुरक्षित कैसे बाहर निकल गए, यह चमत्कार था।

कोलाहल और अंधकार का लाभ उठाकर शाहिस्तेखान जनानखाने में घुस गया और किसी तरह अपनी जान बचा पाया किन्तु उसके हाथ की उंगलियाँ कट गई और उसका पुत्र फाजलखान भी मारा गया। शिवाजी महाराज द्वारा किया गया यह देश का पहला सर्जिकल स्ट्राइक था जिसमें 55 मुगल मारे गए तथा 6 मराठे भी वीरगति को प्राप्त हुए। शिवाजी महाराज को स्वराज्य के विस्तार के साथ-साथ इन सभी पापियों से भी लोहा लेना था।


कार्यक्रम में पतंजलि परिवार के वरिष्ठ श्री पद्मसेन आर्य, पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल, मानविकी संकायाध्यक्षा साध्वी आचार्या देवप्रिया, आचार्यकुलम् की उपाध्यक्षा डॉ. ऋतम्भरा, भारत स्वाभिमान के मुख्य केन्द्रीय प्रभारी भाई राकेश ‘भारत’ व स्वामी परमार्थदेव, आचार्यकुलम् की प्रधानाचार्या आराधना कौल, पतंजलि विश्वविद्यालय के आई.क्यू.ए.सी. सैल के अध्यक्ष प्रो. के.एन.एस. यादव, कुलानुशासक स्वामी आर्षदेव सहित सभी शिक्षण संस्थान यथा- पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, पतंजलि विश्वविद्यालय एवं पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्यगण व विद्यार्थीगण, पतंजलि संन्यासाश्रम के संन्यासी भाई व साध्वी बहनें तथा पतंजलि योगपीठ से सम्बद्ध समस्त इकाइयों के इकाई प्रमुख, अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Discover more from कलम की पहल

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading