
उत्तरकाशी, 19 जून 2025 जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला गंगा समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाए रखने हेतु ठोस और तरल कचरा प्रबंधन, प्लास्टिक अपशिष्ट नियंत्रण, तथा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) की स्थापना जैसे विषयों पर गहन चर्चा की गई।
जिलाधिकारी ने बैठक में जनपद स्तरीय गंगा कार्य योजना तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि जिले में प्रस्तावित परियोजनाओं को शीघ्रता से राज्य स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाए, ताकि उनकी स्वीकृति की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके। उन्होंने गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई को विशेष रूप से जोशियाड़ा, ज्ञानसू, उत्तरकाशी तथा गंगोरी क्षेत्रों में सीवरेज प्लांट की स्थापना और जोशियाड़ा व ज्ञानसू आदि क्षेत्रों में प्रस्तावित आस्था पथ परियोजनाओं को राज्य समिति में भेजने के निर्देश दिए।
डॉ. बिष्ट ने कहा कि गंगा की स्वच्छता केवल एक विभाग की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह सामूहिक प्रयास का विषय है। गंगा तटवर्ती सभी कस्बों और यात्रा पड़ावों में ठोस कार्यवाही सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने गंगा नदी के किनारे किसी भी प्रकार के अवैध निर्माण पर नियमित निगरानी रखने के निर्देश दिए। साथ ही स्वजल विभाग को निर्देशित किया गया कि गंगा किनारे बसे ग्रामीण क्षेत्रों में कचरा निस्तारण के लिए एक प्रभावी कार्ययोजना तैयार की जाए।
इसके अलावा, जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि 20 या अधिक कमरों वाले होटलों में एसटीपी की व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित कराई जाए।
बैठक में अपर जिलाधिकारी पीएल शाह, एसडीएम देवानंद शर्मा, शालिनी नेगी, परियोजना निदेशक अजय सिंह, एसडीओ मयंक गर्ग, सीएचओ डॉ. रजनीश कुमार, जिला पर्यटन अधिकारी केके जोशी, पर्यावरण विशेषज्ञ (स्वजल) प्रताप मटूड़ा, ईई जल निगम मधुकांत कोटियाल, समिति सदस्य अशोक सेमवाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
इस बैठक से यह स्पष्ट संकेत मिला कि जिला प्रशासन गंगा स्वच्छता के प्रति गंभीर है और समग्र दृष्टिकोण के साथ ठोस कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।