21 जून को संत निरंकारी मिशन द्वारा Haridwar me antrastriya yog diwas मनाया जाएगा

Haridwar me antrastriya yog diwas

Haridwar me antrastriya yog diwas वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत वनन वल्र्ड वन हेल्थ विषय पर आयोजित

Haridwar me antrastriya yog diwas पर संत निरंकारी मिशन द्वारा 21 जून, 2023 को मिशन की विभिन्न शाखाओं में योग दिवस वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत ‘वन वल्र्ड, वन हेल्थ’ विषय अनुसार प्रातः 6.00 बजे से स्थानीय योग प्रशिक्षकों के निर्देशन द्वारा खुले स्थानों एवं पार्को में आयोजित किया जायेगा। सन्त निरंकारी मिशन के जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह ने बताया कि मसूरी जोन की कई ब्रांचों के सत्संग भवनों में योग दिवस के कार्यक्रम को मनाया जायेगा। हरिद्वार संचालक केवल कुमार ने जानकारी दी की हरिद्वार मे कार्यक्रम रानीपुर मोड़ स्थित सत्संग भवन पर सुबह छ बजे से सात बजे तक रखा जायेगा।

जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह ने कहा कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के निर्देशन में जहां आध्यात्मिक जागरूकता को अधिक महत्व दिया जा रहा है वहीं समाज कल्याण के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, बाल विकास, युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक मागदर्शन देने हेतु अनेक परियोजनाओं को क्रियान्वित रूप से संचालित किया जा रहा है। मिशन इन गतिविधियों के लिए सदैव सराहा एवं प्रशंसा का पात्र भी रहा है।

सत्गुरु माता जी का यही कहना है कि हम सभी में आध्यात्मिक जागृति तभी संभव है जब हम शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ हो तभी हम सभी का संपूर्ण सर्वांगीण विकास हो सकता है। अतः हमें समय समय पर स्वास्थ्य जागरूकता हेतु भी अनेक कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए ताकि हम तन एवं मन से स्वस्थ रह सके।

Haridwar me antrastriya yog diwas कार्यक्रम का विशाल रूप में आयोजन के साथ-साथ संपूर्ण भारतवर्ष के 400 से अधिक स्थानों पर, संत निरंकारी मण्डल के सचिव जोगिन्दर सुखीजा के निर्देशन में उत्साहपूर्वक किया जायेगा। जैसा कि विदित ही है कि वर्ष 2015 से ही संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा, संत निरंकारी चैरिटेबल फाउन्डेशन द्वारा Haridwar me antrastriya yog diwas कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा इस वर्ष ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ का विषय -वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत ‘वन वल्र्ड, वन हेल्थ’ रखा गया है। योग भारत की प्राचीन परंपरा की एक अमूल्य देन है। यह व्यायाम का एक ऐसा प्रभावशाली रूप है जिसके माध्यम से ना केवल शरीर के अंगों अपितु मन, मस्तिष्क और आत्मा में संतुलन बनाया जाता है। यही कारण है कि योग से शारीरिक व्याधियों के अतिरिक्त मानसिक समस्याओं से भी निदान प्राप्त किया जा सकता है। निरंतर योगाभ्यास द्वारा तेज दिमाग, स्वस्थ दिल, सकारात्मक भावों की जागृति और एक सुकून भरी जीवनशैली संभव है

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अपने दैनिक जीवन में योग को अपनाकर हम न केवल तनाव मुक्त बन सकते है अपितु एक आनंद वाली सरल जीवन जीने की प्रेरणा भी हम सभी को प्राप्त होती है। वर्तमान समय की भागदौड़ को देखते हुए आज योग की नितांत आवश्यकता भी है। विश्व के लगभग सभी देशों द्वारा योग की इस संस्कृति को सहज रूप में अपनाया जा रहा है।

सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने भी अपने विचारों में ‘स्वस्थ मन सहज जीवन’ अपनाने का दिव्य मार्गदर्शन देते हुए यही समझाया कि हमें अपने शरीर को निरंकार प्रभु की अमोलक देन समझते हुए उसे स्वस्थ एवं सेहतमंद बनाए रखना है। अतः ऐसे स्वास्थ्यवर्धक कार्यक्रमों का उद्देश्य यही है कि हमें भागदौड़ वाली जिदंगी में अपनी सेहत पर और ध्यान देते हुए उसे बेहतर एवं उत्तम बनाते हुए अच्छा जीवन जीना है।

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