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महाकुम्भ की धरती, परमार्थ निकेतन, शिविर प्रयागराज में श्री गजेंद्र सिंह शेखावत जी, संस्कृति और पर्यटन मंत्री, भारत सरकार का आगमन हुआ। माननीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत जी ने परमार्थ निकेतन शिविर, प्रयागराज में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी से भेंट की।
इस ऐतिहासिक अवसर पर स्वामी जी ने भारतीय संस्कृति, पर्यटन और तीर्थाटन आदि महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया। साथ ही स्वामी जी ने भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को प्रोत्साहित करने के लिए पर्यटन मंत्रालय की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
- स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से हुई भेंटवार्ता
- गजेंद्र सिंह शेखावत जी और अन्य विशिष्ट विभूतियों ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी व साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में संगम आरती में किया सहभाग
- भारत में पर्यटन नहीं बल्कि तीर्थाटन पर हुई चर्चा
- रूद्राक्ष का दिव्य पौधा किया भेंट
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारत पर्यटन का नहीं बल्कि तीर्थाटन का केन्द्र है। जो जीवन का आनंद और आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, प्राचीन तीर्थस्थल और ऐतिहासिक स्थल सिर्फ पर्यटन स्थलों के रूप में नहीं, बल्कि मानवता की सेवा, आध्यात्मिक उत्थान और सामाजिक जागरूकता के स्रोत हैं।
स्वामी जी ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत न केवल भारत वासियों, बल्कि सम्पूर्ण विश्व के लिए एक अमूल्य धरोहर है। यहाँ के तीर्थ स्थल और धार्मिक परंपराएँ आध्यात्मिक समृद्धि का खजाना हैं, जो हर व्यक्ति को जीवन के सही उद्देश्य और शांति की ओर मार्गदर्शन करती हैं।
भारत का तीर्थाटन केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि आत्मिक जागृति और मानसिक शांति की खोज है। ये स्थल व्यक्ति को जीवन के गहरे सत्य से जोड़ते हैं और मानवता, प्रेम और सद्भावना का संदेश देते हैं।
गजेंद्र सिंह शेखावत जी ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री, भारत श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, भारतीय सरकार ने तीर्थयात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाओं पर काम किया है, जैसे काशी विश्वनाथ धाम, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, और अन्य तीर्थ स्थलों का आधुनिकीकरण किया। हमारे तीर्थ स्थलों में भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और आध्यात्मिक गहराई का दर्शन होता है।
उन्होंने भारत में पर्यटन के विविध रूपों को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने यह बताया कि तीर्थाटन के माध्यम से न केवल धार्मिक एवं सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। उन्होंने कहा, भारत में तीर्थाटन के साथ-साथ हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पर्यटक स्थलों का संरक्षण और विकास किया जाए ताकि आने वाली पीढ़ियों को भारत की सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ सकें। इसके लिए जरूरी है कि हम अपनी प्राचीन परंपराओं को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ें।
मंत्री जी ने महाकुम्भ की अद्भुत व्यवस्थाओं के देखकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के कार्यों की सराहना की। स्वामी जी ने माननीय मंत्री जी को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर संगम की धरती पर उनका अभिनन्दन किया।