
यूकेडी ने कहा कि जनपद में बीते 28 अगस्त को आई आपदा से प्रभावित गांवों का सरकार शीघ्र विस्थापन करें साथ ही इससे पहले उन्हें सुरक्षित स्थानों पर बेहतर सुविधाओं के साथ रहने की व्यवस्था करे। आज भी प्रभावित इलाकों में अफसर नहीं पहुंचे हैं जबकि कई जगहों पर खाद्यान भी नहीं पहुंच सकता है। उत्तराखंड क्रांति दल के पदाधिकारियों ने कहा कि यह आपदा केदारनाथ आपदा जैसी थी, ईश्वर की कृपा रही कि जनहानि कम हुई, किंतु आपदा ने बसुकेदार तहसील सहित बांगर क्षेत्र के जौला, बड़ेथ, तालजामण, डुंगर सेमला, उछोला, मथ्या गांव, छेनागाड़, बक्सीर में काफी क्षति पहुंचाई है। कहा कि आपदा से निपटने के लिए शासन-प्रशासन नाकाम रहा। आज भी क्षेत्र में बंद सड़कों को खोलने और छेनागाड़ में मलवा हटाने का काम कछुआ गति से चल रहा है।
इसके अलावा आपदा से अन्य जगहों पर भी नुकसान हुआ किंतु लोगों की मदद नहीं की गई है। दशज्यूला के डुंग गांव, विजराकोट का गैरतोक, अमोला तोक के कुछ परिवार भूगर्भीय सर्वेक्षण कराकर विस्थापन की मांग कर रहे है, किंतु प्रशासन की ओर से अभी तक इन क्षेत्रों में अधिकारी नहीं भेजे जा रहे हैं। यहीं नहीं आपदाग्रस्त क्षेत्रों में मुख्यमंत्री का न पहुंचना दुर्भाग्यपूर्ण है। आपदा के वास्तविक प्रभावितों की क्षति का आंकलन भी नहीं किया गया है। लोगों के घर रहने लायक नहीं है।
उन्होंने कहा कि शीघ्र क्षेत्रीय लोगों की समस्याओं पर कार्यवाही की जाए। बंद सड़कों को खोलने, भू-धंसाव वाले इलाकों का भूगर्भीय सर्वे कराकर विस्थापन करने की कार्यवाही जल्द की जाए। कहा कि पूर्वी बांगर के गांवों को जोड़ने के लिए बंद पड़ी सड़क को जल्द से जल्द खोला जाए। कहा कि अतिक्रमण पर डंडा महज स्थानीय निवासियों पर चलाया जा रहा है जबकि जनपद में प्रशासन के सामने सुमेरपुर में बहुमंजिला भवन निर्माण कर दिया गया। यूकेडी पदाधिकारियों ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा कांग्रेस को छोड़कर यूकेडी का साथ देगी। इस मौके पर जिलाध्यक्ष सूरत सिंह झिंकवाण, उपाध्यक्ष प्रेम सिंह रावत, जिला महामंत्री अजीत सिंह, पूर्व अध्यक्ष बलवीर चौधरी, केन्द्रीय मंत्री प्रकाश भट्ट, शंभू प्रसाद भट्ट, दीप प्रकाश भट्ट आदि मौजूद थे।