
म्यांमार को राहत सामग्री पहुंचा रहा भारतीय वायुसेना (ढ्ढ्रस्न) का एक विमान साइबर हमले का शिकार हो गया। यह घटना उस समय हुई, जब ‘ऑपरेशन ब्रह्माÓ के तहत विमान राहत सामग्री लेकर म्यांमार जा रहा था। हालांकि, वायुसेना के अनुभवी पायलटों ने इस चुनौती का डटकर सामना किया और अपनी सूझबूझ से रास्ता निकालकर यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा किया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना के विमान को अपने सैटेलाइट आधारित जीपीएस सिग्नल में ‘स्पूफिंगÓ के रूप में साइबर हमलों का सामना करना पड़ा। अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि म्यांमार के हवाई क्षेत्र में यह जीपीएस स्पूफिंग किसने की, इसका पता लगाना मुश्किल हो सकता है। इस क्षेत्र में चीन की मजबूत रणनीतिक उपस्थिति को देखते हुए यह घटना और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
मीडिया से बातचीत में एक सूत्र ने बताया, जीपीएस स्पूफिंग आमतौर पर पायलट को गलत को-ऑर्डिनेट्स देकर उनकी वास्तविक लोकेशन के बारे में भ्रम पैदा करता है। यह ऑपरेशनल क्षेत्रों में एक आम चुनौती है। म्यांमार में ढ्ढ्रस्न के पायलटों ने अपने मिशन को पूरा करने के लिए तुरंत अपने इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल किया।
गौरतलब है कि भारत ने 28 मार्च को म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप के बाद त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए अपना राहत मिशन ‘ऑपरेशन ब्रह्माÓ शुरू किया था। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना आपदा में घायल हुए लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए 60 बिस्तरों वाला एक चिकित्सा उपचार केंद्र स्थापित कर रही है। यह केंद्र ट्रामा के मामलों, आपातकालीन सर्जरी और अन्य आवश्यक चिकित्सा सेवाओं को संभालने में सक्षम होगा, जिससे आपदा से बुरी तरह प्रभावित स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं को महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी। भारत अब तक म्यांमार को 15 टन से अधिक राहत सामग्री पहुंचा चुका है।