16 महीने बाद दूसरा बड़ा रेल हादसा! सैकड़ों ने गवाई जान, किसने मांगा रेल मंत्री से इस्तिफा

Odisa rail accedent

ओडिशा के बालासोर जिले में कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी आपस में टकरा गई है. इस हादसे में 233 लोगों की मौत हो गई है. 900 लोग घायल हो गए हैं. यह ट्रेन पश्चिम बंगाल में कोलकाता के हावड़ा स्टेशन से तमिलनाडु के चेन्नई तक चलती है. शुक्रवार शाम बहनागा रेलवे स्टेशन के पास टक्कर हुई है. सालभर पहले 2022 में पश्चिम बंगाल में रेल हादसा हुआ था. ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार को तीन ट्रेनों की टक्कर हो गई है. यहां बहनागा स्टेशन के पास ैडटठ-हावड़ा एक्सप्रेस (12864), कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी की टक्कर हुई है.सबसे पहले हावड़ा एक्सप्रेस की मालगाड़ी से टक्कर हुई, उसके बाद मालगाड़ी कोरोमंडल से जा टकराई. हादसे में 233 लोगों की मौत हो गई. 900 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. कोरोमंडल एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल में कोलकाता के हावड़ा स्टेशन और तमिलनाडु के चेन्नई के बीच चलती है. हादसे में 15 बोगी पटरी से उतरी हैं. 7 बोगियां पूरी तरह पलट गई हैं. कई लोगों के बोगी के अंदर फंसे होने की बात कही जा रही है.

Odisa Rail Accident image

जानिए देश में कब-कब बड़े ट्रेन हादसे हुए हैं…

इससे पहले 14 जनवरी 2022 को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में दोमोहानी के पास हादसा हुआ था. इसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी. राजस्थान के बीकानेर से असम के गुवाहाटी जा रही बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस की 12 बोगियां पटरी से उतर गई थीं. तब 34 महीने बाद रेल हादसा हुआ था. अब 16 महीने बाद यानी जून 2023 में दूसरा रेल हादसा सामने आया है.

कटे शरीर, चिपकी बोगियां, चीखते-चिल्लाते लोग, 3 ट्रेनों की भीषण टक्कर में 280 लोगों की मौत, 900 से ज्यादा घायल ओडिशा में हुए रेल हादसे को लेकर रात भर से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अब तक 280 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. शनिवार सुबह सामने आया कि ट्रेन के डिब्बों के मलबे में अभी भी कई शव फंसे हुए हैं. बचाव अभियान में सेना भी शामिल हो गई है. मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

अब कहां हादसा हुआ…

ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम बहनागा स्टेशन के पास ट्रेन हादसा हो गया. यहां कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) और मालगाड़ी आपस में टकरा गई. हादसे में 50 लोगों की मौत हो गई. 350 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए हैं. टक्कर इतनी जोरदार थी कि कोरोमंडल एक्सप्रेस की 15 बोगी पटरी से उतर गईं. ट्रेन के कई डिब्बे मालगाड़ी पर चढ़ गए. यह ट्रेन पश्चिम बंगाल के शालीमार से चेन्नई सेंट्रल जा रही थी. 200 किमी बाद ट्रेन हादसे का शिकार हो गई.

ओडिशा के बालासोर में बहनागा बाजार स्टेशन के पास हुआ हादसा दिल दहला देने वाला है. शुक्रवार शाम को हादसे की खबर टुकड़ों-टुकड़ों में सामने आई. पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी की टक्कर की खबर थी. इसके बाद इसमें हावड़ा एक्सप्रेस से टक्कर की बात भी सामने आई और देर शाम तक यह स्थिति साफ हुई कि तीन ट्रेनों में टक्कर हुई है. हादसे की जो तस्वीरें सामने आई हैं वह भयावह हैं, उन्हीं से यह अंदेशा हो गया था कि मृतकों का आंकड़ा सैकड़ा पार कर लेगा. हुआ भी यही, पहले 30, फिर 50, आगे 70 लोगों की मौत की संख्या आधी रात को 120 में बदली और देखते-देखते 207 से 280 तक पहुंच गई है. अभी तक के सामने आए आंकड़े के अनुसार 900 लोग घायल हैं. ओडिशा के मुख्य सचिन प्रदीप जेना ने इसकी जानकारी दी.

पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा है, सेना भी राहत कार्य में हुई शामिल

शनिवार सुबह अंधेरा छंटा तो इस हादसे की तस्वीर और साफ हुई. बहनागा बजार इलाके में रातभर चीखपुकार मची रही. सामने आया कि ट्रेन के डिब्बों के मलबे में अभी भी कई शव फंसे हुए हैं. कोरोमंडल एक्सप्रेस के कई एसी कोच अगले ट्रैक पर पलट गए थे, लिहाजा इसमें मौतों के आंकड़े सबसे अधिक हैं. एनडीआरएफ को बोगियों के बीच चिपके शवों को निकालने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल करना पड़ा तो वहीं, कई घायल ऐसे भी हैं जो क्षतिग्रस्त बोगियों में फंसे हुए हैं. बचाव अभियान में मदद के लिए सेना ने भी हाथ बढ़ाया है. जिस हिस्से में कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकराई थी, उस हिस्से से यात्रियों के शव बरामद किए जा रहे हैं.

सीएम नवीन पटनायक ने की एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा

शुक्रवार को हुए रेल हादसे को लेकर सीएम नवीन पटनायक ने बड़ा ऐलान किया है. घोषणा के मुताबिक 3 जून को राज्य में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है.इसलिए पूरे राज्य में 3 जून को कोई उत्सव नहीं मनाया जाएगा. ओडिशा के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने इसकी जानकारी दी है.

कुछ इस तरह रही हादसे की स्थिति

हादसे को लेकर दी गई प्रेस रिलीज में सामने आया कि. ट्रेन संख्या है 12841 (कोरोमंडल एक्सप्रेस) के कोच बी2 से बी9 तक के कोच पलट गए थे. वहीं ए1-ए2 कोच भी ट्रैक पर औंधे जा पड़े. वहीं, कोच ठ1 के साथ-साथ इंजन पटरी से उतर गया और अंततरू कोच एच1 और जीएस कोच ट्रैक पर रह गए. यानि कोरोमंडल एक्सप्रेस में मरने वालों की संख्या अधिकतम हो सकती है और एसी बोगी में सवार लोगों की जानहानि अधिक होने की आशंका है.

इस अफसर को मिली हादसे की जांच

वहीं, ट्रेन सं. 12864 (बेंगलुरू हावड़ा मेल) का एक जीएस कोच क्षतिग्रस्त हो गया था. इसके साथ ही पीछे की ओर का जीएस कोच और दो बोगियां पटरी से उतर कर पलट गईं. वहीं कोच ए1 से इंजन तक की बोगी ट्रैक पर रहीं. इस ट्रेन हादसे की जांच ए.एम. चौधरी (सीआरएस/एसई सर्किल) करेंगे. उन्हें शनिवार भोर में ही यह जिम्मेदारी सौंपी गई है.

अत तक सैकड़े से पार जा चुका है मृतकों का आंकड़ा

एनडीआरएफ के कर्मी कई शवों को निकाल चुके थे. मलबे से शवों को निकालने के लिए टीम गैस कटर का इस्तेमाल कर रही है. वहीं, मंत्री मानश भुइंया के नेतृत्व में बंगाल सरकार की एक टीम मौके पर पहुंची. उधर, कटक के डीसीपी पिनाक मिश्रा ने कहा कि, कटक में एक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल है, इसलिए अधिक घायलों को यहां स्थानांतरित किए जाने की संभावना को लेकर अस्पताल अलर्ट है और कटक की पूरी टीम तैयार है. उन्होंने कहा कि ‘हमने सुरक्षा व्यवस्था की है ताकि यहां आने वाले घायलों को बिना किसी परेशानी के प्रवेश मिल सके’ उधर, रेल दुर्घटना में घायल हुए लोगों को रक्तदान करने के लिए जिला मुख्यालय अस्पताल, भद्रक में कई रक्तदाता इकट्ठे हो गए. हादसे को लेकर देर रात पश्चिम बंगाल के बीजेपी चीफ सुकांता मजूमदार ने कहा कि ‘हम घटनास्थल का दौरा करेंगे. हम पीड़ितों के साथ उनके सहयोग के लिए खड़े हैं और जो हर संभव सहायता प्रदान करेंगे.

रेल मंत्री से इस्तीफे की मांग

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को पड़ोसी राज्य ओडिशा में हुए भीषण तिहरे रेल हादसे को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की है. उधर सीपीआई सांसद ने सरकार पर सिर्फ लग्जरी ट्रेनों पर ध्यान देने का आरोप लगाया है. सांसद बिनोय विश्वम ने कहा है कि, श्सरकार का फोकस सिर्फ लग्जरी ट्रेनों पर है. आम लोगों की रेलगाड़ियों और पटरियों की उपेक्षा की जाती है. ओडिशा में मौतें उसी का परिणाम हैं.उन्होंने कहा कि रेल मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.

ओडिशा के बालासोर में हुए भयावह रेल हादसे के बाद देशभर में बेचौनी का माहौल है. हर किसी को अपने प्रियजनों की सलामती की चिंता सता रही है, जो इन ट्रेनों से सफर कर रहे थे. इस हादसे में 207 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है और 900 से अधिक लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है. वहीं ये भी सामने आया है कि मृतकों और घायलों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. हादसे को लेकर सत्ता में भी काफी हलचल देखी जा रही है. राजनीतिक बयानबाजी की भी शुरुआत हो चुकी है और रेल मंत्री से इसके लिए इस्तीफा मांगा जा रहा है.

हादसे के कारणों के जांच के आदेश

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णन ने कहा कि, ‘मैंने यह पता लगाने के लिए एक उच्च-स्तरीय जांच करने का आदेश दिया है कि यह दुर्घटना क्यों हुई. इसके मूल कारण तक पहुंचना महत्वपूर्ण है. उधर, अस्पतालों में भर्ती दुर्घटना के पीड़ितों के लिए दवाओं और व अन्य जरूरी सामग्रियों की आपूर्ति के संबंध में, सचिव शालिनी पंडित ने बताया, ष्सभी आवश्यक प्राथमिक उपचार सामग्री, दवाएं और प्ट तरल पदार्थ पर्याप्त स्टॉक में हैंष्. इसके अलावा मयूरभंज जिले के गोदाम से कुछ अतिरिक्त स्टॉक बालेसोर के लिए तुरंत स्थानांतरित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम हर स्थिति के लिए सतर्क हैं.

राजनीतिक बयानबाजी में घिरे रेल मंत्री

ट्रेन हादसा सामने आने के बाद राजनीतिक दल और राजनेता जहां एक तरफ हादसे पर दुख जता रहे हैं तो वहीं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव बुरी तरह घिरते नजर आ रहे हैं. राजनीतिक दल उनके इस्तीफे की मांग करने लगे हैं. पश्चिम बंगाल में सत्तासीन तृणमूल कांग्रेस ने रेलमंत्री का इस्तीफा मांगा है. वहीं इससे पहले सीपीआई सांसद बिनोय विश्वम ने भी कहा कि इस हादसे की जिम्नेदारी लेते हुए रेल मंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.

टीएमसी ने भी रेल मंत्री से मांगा इस्तीफा

बता दें कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को पड़ोसी राज्य ओडिशा में हुए भीषण तिहरे रेल हादसे को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की है. टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र ऐसे हादसों को रोकने के लिए ट्रेनों में टक्कर रोधी उपकरणों इंस्टाल किए जाने के बजाय विपक्षी नेताओं की जासूसी करने के लिए सॉफ्टवेयर डेवलप करने पर करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है.

उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ष्जनता को गुमराहष् करके राजनीतिक समर्थन हासिल करने के लिए वंदे भारत ट्रेनों और नवनिर्मित रेलवे स्टेशनों का डींग हांक रही है, लेकिन सुरक्षा उपायों की उपेक्षा कर रही है.

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी इस हादसे को लेकर ट्वीट किया है, हालांकि सांसद ने सीधे तौर पर इस्तीफे की मांग तो नहीं की है, लेकिन ट्वीट के जरिए एक पुराना वाकया शेयर किया है. मणिकम टैगोर ने लिखा किश् हमारे भारत मे ऐसे नेता रहे हैं जो जिम्मेदारी लेते थे. अपने इस ट्वीट में उन्होंने किसी अन्य ट्वीट को रीट्वीट किया है. जिसमें हाथ से लिखे गए एक पत्र की फोटो संलग्न है. ट्वीट के मुताबिक, यह पत्र पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री का लिखा हुआ है, जब वह रेलमंत्री थे. साल 1956 में एक रेल हादसे के बाद पद से इस्तीफा देने के लिए उन्होंने यह पत्र लिखा था.

रेल मंत्री घटना स्थल पर पहुंचे

वहीं, हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव घटनास्थल रवाना हो गए. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ओडिशा में घटनास्थल के लिए निकल रहा हूं. मैं घायलों के शीघ्र स्वास्थ होने और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना के लिए प्रार्थना करता हूं. भुवनेश्वर और कोलकाता से बचाव दल भेजे गए हैं. एनडीआरएफ, राज्य सरकार के दल और वायुसेना को भी बचाव कार्य में लगाया गया है.’’

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