खालसा पंथ के संस्थापक और सिखों के दसवें गुरु सरबंस दानी गुरु गोबिंद सिंह का जन्मदिवस प्रकाश पर्व के रूप में बुधवार को बड़ी धूमधाम और श्रद्धा से मनाया गया। गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पटना साहिब बिहार में हुआ था।उन्होंने ही 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की। जो सिखों के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।
इस मौके पर गुरुद्वारे में खूब साज सजावट की गई। इस उपलक्ष्य में गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा लाजपत नगर में सहज पाठ 15 जनवरी को आरंभ किया गया। जिसकी समाप्ति 17 जनवरी की सुबह हुई। इसके बाद विशेष कीर्तन दीवान सजाया गया। जिसमें हजूरी रागी भाई तीरथ सिंह और छोटे बच्चों ने शब्द कीर्तन से आई संगत को निहाल किया।
इसके पश्चात् दिल्ली से आए रागी भाई जसपाल सिंह जी ने ‘वाहो वाहो गोबिंद सिंह आपे गुरु चेला’ शब्द से संगत को निहाल किया। समाप्ति के उपरांत गुरु का अटूट लंगर वितरित किया गया। गुरुद्वारा मीडिया प्रभारी प्रीत सिंह ने बताया कि इस अवसर पर एडिशनल एसपी उत्तरी बाराबंकी ‘चिरंजीव सिन्हा’ ने गुरुद्वारे में माथा टेका।
इस मौके पर वीर रस के कवि राम किशोर तिवारी ने गुरु गोविंद सिंह व उनके साहिबजादो पर स्वरचित कविता सुनाकर सबका दिल जीत लिया। शाम को भी विशेष दीवान सजाया गया जिसके बाद आतिशबाजी की गई।
इस अवसर पर प्रधान भूपेंदर सिंह, रविन्द्र सिंह कालरा, सचिव हरपाल सिंह, राजदीप सिंह, कोषाध्यक्ष हरप्रीत सिंह, मीडिया प्रभारी प्रीत सिंह, बलबीर सिंह सनी, नरेन्द्र सिंह कालरा, सुखमीत सिंह, गुरमीत सिंह रिंकू, सतपाल सिंह व साध संगत मौजूद रही।
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