Delhi news; दोपहर दो बजे से बजट भाषण शुरू होगा। वहीं, बजट चर्चा के लिए बुलाया गया सत्र बुधवार को भी स्थगित हो गया।
निगम के नेता सदन मुकेश गोयल बृहस्पतिवार को सदन में अंतिम बजट पेश करेंगे। दोपहर दो बजे से बजट भाषण शुरू होगा। वहीं, बजट चर्चा के लिए बुलाया गया सत्र बुधवार को भी स्थगित हो गया।
चर्चा सत्र के तीसरे दिन भी विपक्षी दल के सदस्य मेयर के आते ही कट मोशन प्रस्ताव को वापस लेने की मांग करने लगे। तेज होते हंगामे को देखकर मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने दो बार बैठक स्थगित की। बैठक करीब ढाई बजे शुरू हुई जो पांच मिनट ही चली। विपक्षी पार्षदों का प्रदर्शन चलता रहा, जिससे मेयर ने पहली बार 15 मिनट के लिए सदन की बैठक स्थगित की। इसके बाद करीब साढ़े तीन बजे फिर से सदन में लौटीं। मेयर ने जैसे ही बोलना शुरू किया तो विपक्षी दल के पार्षदों का प्रदर्शन शुरू हो गया।
पार्षदों का कहना था कि कट मोशन प्रस्ताव को वापस लिया जाए। जब तक यह प्रस्ताव वापस नहीं होगा, तब तक सदन को चलने नहीं देंगे। बता दें कि निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती ने दिसंबर में सदन में बजट स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया था, लेकिन इस पर सार्थक चर्चा नहीं हो पाई। विपक्ष की मानें तो सत्ता पक्ष आयुक्त के बजट को ही पेश कर रहीं हैं। Delhi news
Delhi news कट मोशन प्रस्ताव का विरोध करेगी भाजपा : राजा इकबाल
नेता विपक्ष व पूर्व मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी कट मोशन प्रस्तावों के माध्यम से विभिन्न समितियों, वेतन, विकास संबंधी फंड को विभिन्न मदों से हस्तांतरित करके मेयर विवेकाधिकार फंड में डालना चाहती है, जिससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा।
वार्ड समितियों के 6 करोड़, ग्रुप बी श्रेणी के अधिकारियों के वेतन के 226 करोड़, स्थायी समिति अध्यक्ष के मद के 9 करोड़, पार्कों की मरम्मत के 13 करोड़, अभियांत्रिकी कार्यों के 22 करोड़, कालोनियों में कार्यों के 60 करोड़, अधिकृत और अनधिकृत काॅलोनियों में कार्यों के 46 करोड़, शहरीकृत क्षेत्रों में कार्यों के 26 करोड़, ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यों के 21 करोड़ व आदि मदों के करीब 1500 करोड़ रुपये मेयर के विवेकाधिकार मद में हस्तांतरित करना चाहती है। इसका भाजपा विरोध करेगी। Delhi news
Delhi news मेयर अधिकारों का कर रहीं दुरुपयोग : कांग्रेस
नई दिल्ली। एमसीडी में सदन के पूर्व नेता व कांग्रेस प्रभारी जितेंद्र कुमार कोचर ने कहा कि मेयर लोकतांत्रिक अधिकारों का दुरुपयोग कर रही हैं। मन मुताबिक समितियों के फंड में कटौती कर अपने विवेकाधिकार फंड को 1500 करोड़ करना गलत है, जबकि मेयर फंड के लिए 9-10 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष निर्धारित है। स्थायी समिति और वार्ड समितियों का गठन न करके उनके कार्यों को मेयर के विवेकाधिकार में लाना चिंताजनक है। Delhi news