दून क्लब गेट के सामने एकजुटता सभा आयोजित की गई। इस मौके पर हाल ही में ओएनजीसी चौक पर हुई सड़क दुर्घटना में मारे गए छह युवाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस एकजुटता सभा में शासन/प्रशासन से कड़े कदम उठाने की मांग करते हुए नागरिक पत्र पर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। देहरादून की सड़कों पर शराब पीने और लापरवाही से गाड़ी चलाने की समस्या को रोकने के निरंतर कार्यान्वयन के लिए सभी की जिम्मेदारी के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए सहभागिता सुनिश्चित करने की अपील की। इसमें कई जिम्मेदार नागरिक पुरुष एवं महिलाएं शामिल हैं।
ज्यादातर वक्ताआंे ने इस बुराई को दूर करने के लिए इसे घर से शरुआत करने का आह्वान किया गया। स्कूलों में जागरूकता पैदा करने पर जोर दिया। कुछ लोगांे का विचार था कि यहाँ बड़े पैमाने पर शिक्षा विद्यालय खुलने पर बाहर के छात्र आते हैं और उन पर कोई अंकुश नहीं है। वह किराए के मकानों में रहकर खुलकर नशा करते हैं। पुलिस की कार्यप्रणाली पर सभी ने रोष प्रकट किया। देहरादून में जरूरत से ज्यादा पब आदि खुल गए हैं जहाँ आधी रात तक शराब परोसी जा रही है। शराब पीकर गाड़ी चलाने पर कही कोई चेकिंग नहींे होती है।
इस दुर्घटना के बाद खाना पूर्ति के लिए 2 चार दिन चेकिंग होंगी फिर वहीं पुरानी स्थिति हो जाएगी। जैसे पलटन बाजार में अतिक्रमण हटाने के नाम पर किया गया था। इन दुर्घटनाओं के कारण सड़कों कि खराब डिजाइनिंग भी दोषी है। आईएसबीटी, बल्लूपुर फ्लाईओवर इसके उदाहरण हैं। उत्तराखंड में दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों के मामले में उत्तराखंड का औसत राष्ट्रीय औसत से दुगना है।
भ्रष्टाचार के कारण ओवरलोडिंग कि दुर्घटनायें आम बात है, डीजीपी के नाम एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर कराए गए जिसको बाद में उन्हें मिलकर दिया जाएगा। अंत मंे दुर्घटना में मृत्यु हुए बच्चों को ई मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि प्रदान की गई। सभा का संचालन जगमोहन मेंदीरत्ता व समापन अनूप नौटियाल ने किया। सभा को संबोधित करने वालों में राधा चटर्जी अनुराधा, फ्लोरेंस पांधी भारती जैन प्रदीप कुकरेती, जितेंद्र डीडाना, अनुप बडोला, प्रमाद कुकरेती, परमिंदर सिंह, रजनीश नांगिया आदि उपस्थित थे।
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